ब्लॉकचेन कैसे काम करता है -
यह एक विकेंद्रीकृत और सार्वजनिक डिजिटल खता वही है इसमें प्रत्येक ब्लॉक का डाटा इकट्ठा किया जाता है ब्लॉकचेन में यदि यदि कोई नया लेन देन करना होता है तो उसे भी ब्लॉक से जोड़ा जाता है इसके मुख्य तीन जानकारी निम्न है जो इस प्रकार से है |
1. डेटा - इसमें ट्रांजैक्शन से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी को रखा जाता है |
2. हैश - यह एक प्रकार का कोड होता है जो ब्लॉक की पहचान करता है |
3. पिछले ब्लॉक का हैंश - यह सभी ब्लॉक को एक दूसरे से जोड़ता है और सभी डाटा फाइल के रिकॉर्ड को सुरक्षित रखता है
इसमें सभी प्रकार के डेटाबेस को कंप्यूटर के द्वारा चेक किया जाता है | उसकी अच्छे से जांच पड़ताल करने के बाद ब्लॉक चैन से जोड़ दिया जाता है इसे किसी भी प्रकार से बदला नहीं जा सकता है और यह सुरक्षित रहता है |
ब्लॉकचेन के प्रकार
ब्लॉकचेन मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं -
1 सार्वजनिक
2 निजी
3 कंसोर्टियम
4 हाइब्रिड
सार्वजनिक ब्लाकचेन - एक खुले और विकेंद्रीकृत नेटवर्क है (नियंत्रण और निर्णय लेने की जिम्मेदारी को एक व्यक्ति या समूह से हटाकर कई लोगों में बांट देना होता है) इसमें कोई भी व्यक्ति भाग ले सकता है लेनदेन इत्यादि |
जैसे बिटकॉइन और एथेरिय
निजी ब्लॉकचेन - निजी ब्लॉकचेन में किसी व्यक्ति को भाग लेने के लिए सबसे पहले अनुमति लेना पड़ता है यह एक प्रकार का समूह या संगठन समिति है |
कंसोर्टियम ब्लॉकचेन - ये अर्ध विकेंद्रीकरण होते हैं (कुछ अधिकार और शक्ति अभी भी केंद्रीय नियंत्रण में रहते हैं) इसमें कई प्रकार के संगठन या समूह को शामिल किया जाता है |
हाईब्रिड ब्लॉकचेन- इसमें सभी प्रकार का निजी और सार्वजनिक ब्लॉकचेन होता है किसी भी प्रणाली या संगठन में भाग लेने के लिए अनुमति की आवश्यकता होती है |
ब्लॉकचेन तकनीक के फायदे-
ब्लॉकचेन तकनीक के कई फायदे निम्न है
सुरक्षा और पारदर्शिता- इसमें डाटा को इंक्रिप्टेड रूप में स्टोर किया जाता है इसमें किसी फाइल का रिकॉर्ड लेन देन इत्यादि में बदलाव करना बिल्कुल संभव है क्योंकि डेटा को ब्लॉक से व्यवस्थित किया जाता है ब्लॉकचेन में सभी प्रकार का लेनदेन कर सकते हैं
डिसेंट्रलाइजेशन- यह किसी भी प्रकार से एक ही केंद्र पर निर्भर नहीं रहता है इसमें धोखाधड़ी साइबर अटैक या किसी भी फाइल का बदला जाना इत्यादि की संभावना नहीं होती है |
तेजी और कम लागत- पारंपरिक रूप से यदि किसी बैंक से लेनदेन करेंगे तो उसमें ज्यादा समय और अधिक पैसा खर्च होगा जबकि ब्लॉक चीन में ऐसा नहीं होता है इसमें कम खर्च और कम समय लगता है |
स्मार्ट कांट्रैक्ट्स- यह स्वचालित सभी प्रकार की सुविधा को देता है, जो केवल शर्त पूरी होने पर ही किसी कार्य को पूरा करता है जैसे योजना या आदेश जिससे की सूचना को आसानी से प्राप्त और काम को अच्छी तरह से करने में उसकी क्षमता बढ़ती है |
विभिन्न क्षेत्र में उपयोग- इसका उपयोग चिकित्सा, वोटिंग सिस्टम, डाटाबेस इत्यादि जगहों पर प्रयोग किया जाता है ब्लॉकचेन तकनीक आने वाले भविष्य में डिजिटल लेनदेन और सुरक्षा के क्षेत्र में अत्यधिक बदलाव ला सकती है|
ब्लॉकचेन का वास्तविक जीवन में प्रयोग-
ब्लॉकचेन का वास्तविक जीवन में सबसे ज्यादा उपयोग धोखाधड़ी से बचने तथा लेन-देन में तेजी से कार्य और डाटा फाइल इत्यादि को सुरक्षित रखने में किया जाता है ब्लॉकचेन का ज्यादातर उपयोग कोडिंग, चिकित्सा, कंपनी, माल ट्रांजैक्शन इत्यादि जगहों पर किया जाता है |
वित्त और बैंकिंग- इसका प्रयोग क्रिस्टोकरेंसी में किया जाता है बैंक से संबंधित सभी कामों के लिए इसका प्रयोग किया जाता है |
आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन- ब्लॉकचेन का उपयोग कंपनियो में माल ट्रांजैक्शन में धोखाधड़ी माल की ट्रैकिंग करने के लिए किया जाता है|
स्वास्थ्य क्षेत्र- इसमें रोगियों की मेडिकल रिपोर्ट सुरक्षित रहती है जिससे कि मरीज जब चाहे तब अपने रिपोर्ट लेकर अपना इलाज तेजी से करवा सकता है |
डिजिटल वोटिंग- ब्लॉकचेन का प्रयोग चुनाव में वोटिंग के लिए किया जाता है ताकि धोखाधड़ी से बचा जा सके |
रियल एस्टेट- इसमें संपत्ति से जुड़ी सभी फाइलों को सुरक्षित रख सकते हैं जिससे की फाइल की धोखाधड़ी को रोका जा सके
ब्लॉकचेन तकनीक की चुनौतियां और सीमाएं |
चुनौतिया:
मापनीयता- जब संख्याएं बढ़ती है तो नेटवर्क में लेनदेन की गति धीमी हो जाती है बिटकॉइन और एथेरियम जैसे नेटवर्क में प्रति सेकंड ही सीमित होते हैं |
ऊर्जा खपत- प्रूफ आफा वर्क आधारित ब्लॉकचेन जैसे -
बिटकॉइन- इसमें अधिक ऊर्जा की खपत होती है और पर्यावरण पर भी इसका प्रभाव पड़ता है |
सुरक्षा जोखिम- इसमें स्मार्ट कांट्रैक्ट्स और वॉलेट्स में कमजोरी के कारण खतरा बना रहता है |
नियामक चुनौतियां- ब्लॉकचेन और क्रिप्टो करेंसी पर कोई भी स्पष्ट रूप से नियम नहीं है जिसके
कारण कानूनी तौर पर बहुत सी बाधाए उत्पन्न होती है |
सीमाएं-
डेटा अपरिवर्तनीयता - ब्लॉकचेन में यदि किसी भी प्रकार का डाटा या फाइल रिकॉर्ड एक बार जमा हो जाए तो उसे बदला या सुधारा नहीं जा सकता है |
स्टोरेज समस्या- बड़े स्तर पर या ज्यादा लेनदेन होने के कारण ब्लॉकचेन का आकार बढ़ता रहता है और उसकी स्टोरेज आवश्यकता है बढ़ती रहती है |
लागत- इसके संचालन और व्यवसायों की देखरेख के लिए अत्यधिक लागत की आवश्यकता होती है |
ब्लॉकचेन का भविष्य क्या है ? क्या यह दुनिया बदल सकता है-
इसका भविष्य बहुत ही उज्जवल है यह विशेष रूप से प्रयोग शिक्षा स्वास्थ्य वित्त सरकारी कार्य कोडिंग वोटिंग आपूर्ति श्रृंखला इत्यादि| में यह बदलाव लाया है ब्लॉकचेन के द्वारा बैंक से संबंधित सभी सेवाओं को सुरक्षित और पारदर्शी बनाया जा सकता है इस तकनीक के कारण हम लोग नकली सामान और धोखाधड़ी से बच सकते हैं स्वास्थ्य से संबंधित सभी रिकॉर्ड तथा चुनाव में ई-वोटिंग को सुरक्षित रखता है |
क्या यह दुनिया बदल सकता है
हां, ब्लॉकचेन दुनिया को अत्यधिक पारदर्शी और कुशल बन सकता है, जितनी तेजी से यह विकास कर रहा है यह निश्चित रूप से भविष्य की तकनीक में से एक बनेगा यह सरकारी नीति योग तकनीकी और स्केलेबिलिटी जैसी चुनौतियों का भी सामना करता है|
निष्कर्ष-
ब्लॉकचेन एक डिजिटल तकनीक है जो डाटा को सुरक्षित और संग्रहित करने की क्षमता रखता है| ब्लॉकचेन को अपनाने के लिए बहुत सी समस्याओं को जैसे सरकारी नीतियां, तकनीकी जटिलताएं और स्केलेबिलिटी का समाधान करना पड़ता है| यदि इन सभी समस्याओं को पार कर लेंगे तो ब्लॉकचेन न केवल डिजिटल दुनिया को बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को सुरक्षित और कुशल बना सकता है यह केवल क्रिप्टोकरेंसी तक सीमित नहीं है बल्कि कई अन्य क्षेत्रों में भी बड़ा बदलाव ला सकता है |
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